आपातकाल कितने प्रकार के होते हैं ? | Aapatkal Kitne Prakar Ke Hote Hain

आज हमलोग डिटेल में पढ़ेंगे आपातकाल कितने प्रकार के होते हैं ( Aapatkal Kitne Prakar Ke Hote Hain ), आपातकाल क्यों और कब लगाया जाता है और इसके साथ में आपातकाल के सभी महत्वपूर्ण बिंदु याद करेंगे।

 

आपातकाल कितने प्रकार के होते हैं ?

आपातकाल तीन प्रकार के होते हैं – 1. राष्ट्रिय आपातकाल  2. राजकीय आपातकाल  3. वित्तीय आपातकाल. भारतीय संविधान में आपातकाल का वर्णन भाग 18 में किया गया है। 

 

राष्ट्रिय आपातकाल –  राष्ट्रियआपातकाल का वर्णन अनुच्छेद 352 में किया गया है। राष्ट्रिय आपातकाल में बाह्य आक्रमण, गृह युद्ध, तथा सैनिक विद्रोह की स्थिति में लगाया जाता है। 

 

भारत में राष्ट्रिय आपातकाल 3 बार लगाया गया है। भारत में पहला राष्ट्रिय आपातकाल 26 अक्टूबर 1962 में लगाया गया था। उस समय भारत के राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन तथा प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू थे। यह आपातकाल भारत – चीन के बीच युद्ध के समय लगाया गया था।

 

भारत में दूसरा राष्ट्रिय आपातकाल 3 दिसम्बर 1971 में लगाया गया था। उस समय भारत के राष्ट्रपति डॉ. वी. वी. गिरी, तथा प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थी। भारत में दूसरा राष्ट्रिय आपातकाल भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के समय लगाया गया था।

 

भारत में तीसरा राष्ट्रिय आपातकाल 26 जून 1975 में लगाया गया था। उस समय भारत के राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद तथा प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थी। भारत में तीसरा राष्ट्रिय आपातकाल आंतरिक अशांति के कारण लगाया गया था।   

 

44 वां संविधान संशोधन 1978 के तहत राष्ट्रपति कैबिनेट के मंजूरी के बाद ही आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं। आपातकाल काल की अवधि को एक बार में 6 महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है।

 

आपातकाल का प्रस्ताव संसद के दोनों सदनों में पारित होना चाहिए। आपातकाल के समय अनुच्छेद 20 और 21 को छोड़कर सारे मूल छीन लिए जाते हैं।  

 

राजकीय आपातकाल ( राज्य में राष्ट्रपति शासन ) – राजकीय आपातकाल राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल हो जाने पर लगाया जाता है। यह आपातकाल एक बार में 6 माह तक तथा इसे बढ़ाकर 1 साल या 3 साल किया जा सकता है। पहली बार राष्ट्रपति शासन 20 जून 1951 में पंजाब में लगाया गया था। 

 

सबसे ज्यादा राष्ट्रपति शासन लगाने वाला राज्य मणिपुर और बिहार है। सबसे कम राष्ट्रपति शासन लगाने वाला राज्य तेलंगाना और छत्तीसगढ़ है। सबसे लम्बे समय तक राष्ट्रपति शासन लगाने वाला राज्य जम्मू कश्मीर है। 

 

वित्तीय आपातकाल – वित्तीय आपातकाल जब देश की आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर हो जाती है तब लगायी जाती है। भारत में अभी तक वित्तीय आपातकाल एक भी बार नहीं लगा है। यह आपातकाल एक बार लागू होने पर अनिश्चित काल के लिए होता है। 

  

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आपातकाल का प्रावधान का श्रोत :- 

भारतीय संविधान में आपातकाल का प्रावधान जर्मनी से लिया गया है। जर्मनी के संविधान को वाइमर कहते हैं। हमारे कुछ मौलिक अधिकार भी आपातकाल के समय ख़त्म कर दिए जाते हैं।

 

आपातकाल से जुड़े कुछ रोचक तथ्य :- 

भारतीय संविधान में अनुच्छेद 352 से अनुच्छेद 360 तक आपातकालीन  स्थिति का वर्णन है।  जब राज्य में  आपातकाल लगता है तो उसे सिर्फ राष्ट्रपति ही ख़त्म कर सकता है। इस स्थिति में मुख्यमंत्री कुछ नहीं कर सकता है। 

 

राष्ट्रिय आपातकाल अधिकतम 3 वर्षों तक लगाया जा सकता है। राष्ट्रपति शासन को अंग्रेजी में हम President Rule कहते हैं। ये Question Exam में बहुत बार पूछे गए हैं की आपातकाल के दौरान कौन सा मालिक अधिकार को नहीं निलंबित किया जा सकता है – तो इसका सही उत्तर है Article 20 और Article 21.

राष्ट्रपति शासन को अगर लंम्बे समय के लिए लगाना है तो प्रत्येक 6 महीने के बाद संसद से पास होना जरुरी होता है। संसद के दोनों सदनों का Special Majority से इसे पास होना होता है।

 

आपातकाल का प्रभाव : – 

किसी भी देश में आपातकाल संकट के घड़ी में लगाया जाता है। इसका सीधा प्रभाव देशवासियों पर पड़ता है।  देश में सभी प्रकार की विकास की गति या तो रूक जाती है या धीमी पड़ जाती है। देश का आर्थिक स्थिति चड़मड़ा जाता है। आपातकाल के हटते ही सबकुछ तुरत सही नहीं हो जाता है।  कुछ समय लगता है विकास की गति को फिर से उसी रफ़्तार में लाने के लिए।

 

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