गोलमेज सम्मलेन – पहला, दूसरा, तीसरा | Golmej Sammelan

गोलमेज सम्मलेन ( Golmej Sammelan ) भारतीय इतिहास में एक ऐतिहासिक घटनाक्रम थी। हमलोग अभी तीनों गोलमेज सम्मलेन ( पहला, दूसरा, और तीसरा ) के कारण , उद्देश्य , परिणाम और इस टॉपिक से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न पढ़ने वाले हैं।

 

प्रथम गोलमेज सम्मलेन ( First Golmej Sammelan ) : –
प्रथम गोलमेज सम्मलेन 12 नवंबर 1930 से 13 जनवरी 1931 तक चली थी। प्रथम गोलमेज सम्मलेन जहां हुई थी उस जगह का नाम सेंट जेम्स पैलेस जो लंदन में है। प्रथम गोलमेज सम्मलेन का मुख्य कारण था सविनय अवज्ञा आंदोलन का प्रभाव तथा साइमन कमीशन रिपोर्ट पर चर्चा।

सविनय अवज्ञा आंदोलन का नेतृत्व महात्मा गांधीजी कर रहे थे। प्रथम गोलमेज सम्मलेन के अध्यक्ष रैम्जे मैकडोनाल्ड थे, जो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री भी थे। प्रथम गोलमेज सम्मलेन के समय भारत के वायसराय लॉर्ड इरविन थे, तथा उस समय भारत के सचिव सैमुअल डोर थे।

प्रथम गोलमेज सम्मलेन के उद्घाटन की बात किया जाए तो इस सम्मलेन का उदघाटन ब्रिटेन के महाराजा जॉर्ज पंचम ने किया था। प्रथम गोलमेज सम्मलेन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस , महात्मा गाँधी तथा व्यापारिक नेताओं ने इस सम्मलेन में भाग नहीं लिया था।

 

प्रथम गोलमेज सम्मलेन के असफलता का मुख्य कारण : –
प्रथम गोलमेज सम्मलेन के असफलता का मुख्य कारण गाँधी इरविन समझौता था। क्योंकि अंग्रेजो का मुख्य उदेश्य था गांधीजी को उस सम्मलेन में बुलाना लेकिन गाँधीजी प्रथम गोलमेज सम्मलेन में नहीं शामिल हुए। जिसके कारण प्रथम गोलमेज सम्मलेन असफल रहा।

 

प्रथम गोलमेज सम्मलेन में सम्मिलित नेता : –
प्रथम गोलमेज सम्मलेन में सम्मिलित नेता की बात किया जाए तो मुस्लिम लींग की ओर मोहम्मद अली जिन्ना, आखा खान, मुहम्मद अली और मुहम्मद शकी थे। हिन्दु महासभा की ओर से B.S मुंजे तथा M.R जयकार, दलित वर्ग से डॉ. भीमराव अम्बेडकर , भारतीय उदारवादी पार्टी की ओर से तेज बहादुर शप्रु तथा श्रीनिवास शास्त्री थे।

प्रथम गोलमेज सम्मलेन में देशी रियासत से 16 शासक सम्मिलित थे। सिक्ख समुदाय से सरदार उज्जन सिंह तथा सरदार सम्पूर्ण सिंह शामिल थे। प्रथम गोलमेज सम्मलेन में 89 भारतीयों ने हिस्सा लिया लेकिन कांग्रेस ने इसमें हिस्सा नहीं लिया।

मार्च 1931 को महात्मा गांधी और लॉर्ड इरविन के बीच दिल्ली में समझौता हुआ था। इस समझौता को गाँधी इरविन समझौता के नाम से जाना जाता है।

 

गाँधी इरविन समझौता का मुख्य बिंदु : –
गांधी इरविन समझौते के मुख्य बिंदु की बात किया जाए तो यह इस प्रकार से है : – 1. महात्मा गाँधी को लॉर्ड इरविन से यह मांग थी कि भारतीयों को समुद्र के किनारे से नमक बनाने का अधिकार दिया जाए। 2. महात्मा गांधी ने लॉर्ड इरविन को सविनय अवज्ञा आंदोलन को वापस लेने का वचन भी दिया था। 3. भारतीय लोगों को शराब और विदेशी दुकानों के सामने धारणा प्रदर्शन करने की अनुमति दी जाए।

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द्वितीय गोलमेज सम्मेलन ( Second Golmej Sammelan ) : –
द्वितीय गोलमेज सम्मलेन 7 सितम्बर 1931 से 1 दिसंबर 1931 के बीच लंदन के सेंटपाल पैलेस में आयोजित हुआ था। इस सम्मलेन के आयोजन का मुख्य कारण सविनय अवज्ञा का प्रभाव था जिससे अंग्रेज विचलित हो गए थे। दूसरा कारण गाँधी इरविन समझौता भी था।

द्वितीय गोलमेज सम्मलेन के अध्यक्ष रैम्से मैक्डोनाल्ड थे जो उस वक़्त ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थे। लेकिन द्वितीय सम्मलेन का उद्घाटन ब्रिटेन के सम्राट जॉर्ज पंचम द्वारा किया गया था। उस समय भारत के वाइसराय लार्ड लिनलिथगो थे और सचिव सैमुएल होर था।

 

द्वितीय गोलमेज सम्मेलन सम्मिलित सदस्य : –
हमलोग देखेंगे कि इस सम्मलेन में कौन – कौन से सदस्य सम्मिलित हुए थे। मुस्लिम लीग के तरफ से मोहम्मद अली जिन्ना, दलित वर्ग के तरफ से डॉ भीमराव आंबेडकर , भारतीय उदारवादी पार्टी से तेज बहादुर सप्रू, congress के तरफ से एकमात्र सदस्य गाँधी जी शामिल हुए थे। कुछ नेता व्यक्तिगत रूप से भी शामिल हुए थे जैसे – सरोजिनी नायडू , एनी बसंत , मदन मोहन मालवीय।

थोड़ा हम गांधीजी का इस सम्मलेन में भाग लेने से सम्बंधित कुछ और बातें जान लेते हैं। गांधीजी 12 सितम्बर 1931 को S.S राजपुताना जहाज से लंदन पहुंचे। उन्हें बहुत आदर के साथ किंग्सले हॉल में ठहराया गया था। किंग्सले हॉल एक समाज सेवा केंद्र था।

द्वितीय गोलमेज सम्मलेन के दौरान ही विंस्टन चर्चिल ने गांधीजी को अर्ध नंगा फ़क़ीर कहकर उनका मजाक उड़ाया था। अच्छा एक बात और डॉ. भीमराव अंबेडकर ने इस सम्मलेन के दौरान दलितों के लिए अलग निर्वाचन क्षेत्र की मांग रखी थी जिस वजह से गांधीजी नाराज हो गए थे। कुछ लोगों ने उन्हें बोला कि वो लंदन से खाली हाथ लौटे तो गांधीजी ने कहा कि वो भारत के नेतृत्व कर रहे थे और भारत के सम्मान का ठेस नहीं पहुँचने दिए।

 

तृतीय गोलमेज सम्मलेन ( Third Golmej Sammelan ) : –
तृतीय गोलमेज सम्मलेन की बात करते हैं तो यह 17 नवंबर 1932 ई को शुरू हुआ तथा 24 दिसंबर 1932 ई तक चला था। तृतीय गोलमेज सम्मलेन का आयोजन लंदन में हुआ था। गोलमेज सम्मलेन की आयोजन को देखा जाय तो तीनो गोल मेज सम्मलेन का आयोजन लंदन में ही हुआ था।

तृतीय गोलमेज सम्मलेन के अध्यक्ष भारत के सचिव सैमुअल डोर थे। लेकिन प्रथम तथा द्वितीय गोल मेज सम्मलेन के अध्यक्ष रैम्जे मैकडोनाल्ड थे जो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थे। तृतीय गोल मेज सम्मलेन का मुख्य कारण भारत शासन अधिनियम 1935 इस पर चर्चा करना।

 

तृतीय गोलमेज सम्मलेन का असफलता का मुख्य कारण : –
तृतीय गोलमेज सम्मलेन का असफलता की बात की जाय तो इसका मुख्य कारण कांग्रेस का बहिष्कार जिसके कारण यह सम्मलेन असफल रहा। यह सम्मलेन असफल रहने के बाद भी भारत शासन अधिनियम 1935 को लागू किया गया।

 

तृतीय गोलमेज सम्मलेन सम्मिलित सदस्य : –
तृतीय गोलमेज सम्मलेन सम्मिलित सदस्य की बात करते हैं तो मुस्लिम लीग की ओर से मोहम्मद अली जिन्ना, मुहम्मद अली, मुहम्मद शकी ए. के. फजलुल हक़ तथा आंगा खान थे। दलित वर्ग से डॉ भीमराव अंबेडकर तथा इंडियन लिबरल पार्टी की ओर से तेज बहादुर शप्रु शामिल थे।

 

गोलमेज सम्मेलन का उद्देश्य क्या था ?
गोलमेज सम्मलेन का आयोजन करने का मुख्य उदेश्य था कि जो साइमन कमीशन के द्वारा 1930 ई में रिपोर्ट प्रकाशित की गई जिसमें धार्मिक, सामजिक और आर्थिक तथ्यों पर विशेष रूप से चर्चा की गई थी।

लेकिन कांग्रेस एवं उनके सहयोगी संगठनों ने साइमन कमीशन के द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट को बहिस्कार कर दिया। कांग्रेस एवं उनके सहयोगी संगठनों का मानना था कि जो रिपोर्ट प्रकाशित की गई है उसमें कोई भी भारतीय सदस्य शामिल नहीं थे।

इसलिए कांग्रेस एवं उनके सहयोगी इस रिपोर्ट का विरोध किया। इस विरोध को रोकने के लिए ब्रिटिश सरकार ने कांग्रेस एवं उनके सहयोगी से बात करके समझाना चाहता था। इसलिए गोलमेज सम्मलेन का आयोजन किया गया था।

 

गोलमेज सम्मलेन से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न ( FAQ ): –
1. प्रथम गोलमेज सम्मेलन कब और कहां हुआ था ?
Ans – प्रथम गोलमेज सम्मेलन 12 नवंबर 1930 को लंदन में हुआ था।

2. दूसरा गोलमेज सम्मेलन कब हुआ ?
Ans – दूसरा गोलमेज सम्मेलन 7 सितम्बर 1931 में हुआ था

3. द्वितीय गोलमेज सम्मेलन कहां हुआ था ?
Ans – द्वितीय गोलमेज सम्मेलन लंदन के सेंट जेम्स पैलेस में हुआ था।

4. दूसरे गोलमेज सम्मेलन में किसने भाग नहीं लिया था ?
Ans – डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग नहीं लिया था।

5. तीनो गोलमेज सम्मेलन कब हुआ ?
Ans – पहला गोलमेज सम्मेलन 1930 में हुआ था। दूसरा सम्मेलन गोलमेज 1931 में हुआ था। तीसरा गोलमेज सम्मेलन 1932 में हुआ था।

6. तीसरा गोलमेज सम्मेलन कहां हुआ था ?
Ans – तीसरा गोलमेज सम्मेलन लंदन हुआ था।

7. तीनों गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने वाले भारतीय कौन थे ?
Ans – भीमराव अम्बेडकर और तेज बहादुर सप्रू तीनों गोलमेज सम्मलेन में भाग लिया था।

 

Conclusion : – गोलमेज सम्मलेन टॉपिक से जितने भी प्रश्न पूछे जा सकते हैं वो मैंने सब कुछ इस टॉपिक में discuss कर दिया है। मैं ये guarantee देता हूँ की अगर आप इतना अच्छी तरह से पढ़ लेते हैं तो इससे बहार कुछ भी नहीं आएगा इस टॉपिक से।

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